6 Important Differences between Primary Market and Secondary Market – In Hindi

प्राथमिक और द्वितीयक बाजार (Primary Market and Secondary Market) पूंजी बाजार के मुख्य घटक हैं। दूसरी ओर, प्राइमरी मार्केट नए इश्यू मार्केट का प्रतिनिधित्व करता है सेकेंडरी मार्केट मौजूदा या सेकेंड-हैंड सिक्योरिटीज का प्रतिनिधित्व करता है।

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प्राथमिक बाजार का अर्थ (Meaning of Primary Market):

न्यू इश्यू मार्केट/प्राथमिक मार्केट को पहली बार प्रतिभूतियां जारी की गई हैं। यह सीधे पूंजी निर्माण में योगदान देता है। पूंजी बाजार में, कंपनी इन निधियों का उपयोग भवनों, संयंत्रों, मशीनरी आदि में निवेश के लिए करती है। प्राथमिक बाजार ने सामान्य प्रतिभूतियां जैसे इक्विटी शेयर, डिबेंचर, बांड, वरीयता शेयर आदि जारी किए।

कभी-कभी, एक मध्यस्थ (दलालों की फर्म) द्वारा आम जनता को नई प्रतिभूतियों की पेशकश की जाती है जो कंपनी से पूरी तरह से प्रतिभूतियां खरीदती हैं। सबसे पहले, कंपनी बिचौलियों को अंकित मूल्य पर प्रतिभूतियां जारी करती है। फिर बिचौलिए लाभ कमाने के लिए आम जनता को उच्च कीमत पर प्रतिभूतियां जारी करते हैं जिसे बिक्री के लिए प्रस्ताव कहा जाता है।

द्वितीयक बाजार का अर्थ (Meaning of Secondary Market):

द्वितीयक बाजार वह बाजार है जहां पहले जारी प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद होती है। द्वितीयक बाजार में, प्रतिभूतियों को मौजूदा निवेशकों द्वारा अन्य निवेशकों को बेचा जाता है।

जब निवेशक को नकदी की आवश्यकता होती है और यदि दूसरा निवेशक कंपनी के शेयर खरीदना चाहता है तो दोनों निवेशक द्वितीयक बाजार में मिल सकते हैं और ब्रोकर से नकदी के लिए प्रतिभूतियों का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

प्राथमिक बाजार और द्वितीयक बाजार के बीच अंतर का चार्ट (The Chart of difference between Primary Market and Secondary Market)

मतभेद के बिंदु

मुख्य बाज़ार द्वितीयक बाजार
अर्थ न्यू इश्यू मार्केट/प्राथमिक मार्केट को पहली बार प्रतिभूतियां जारी की गई हैं। द्वितीयक बाजार वह बाजार है जहां पहले जारी प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद होती है।
प्रतिभूतियों का प्रकार यह न्यू सिक्योरिटीज से संबंधित है। यह सेकेंड हैंड सिक्योरिटीज से संबंधित है।
पूंजी निर्माण प्राथमिक बाजार पूंजी के निर्माण में सीधे योगदान देता है। प्राथमिक बाजार पूंजी के निर्माण में सीधे योगदान देता है।
प्रवेश पूंजी जुटाने के लिए सभी कंपनियां प्राथमिक बाजार में प्रवेश करती हैं। सेकेंडरी मार्केट में सिर्फ लिस्टेड कंपनियां ही खरीद-बिक्री कर सकती हैं।
भौगोलिक स्थिति कोई निश्चित क्षेत्र नहीं है, सभी संस्थान, बैंक प्राथमिक बाजार का गठन करते हैं। द्वितीयक बाजार निश्चित क्षेत्र और निश्चित समय घंटे होते हैं।
कीमत कंपनियों का प्रबंधन प्रतिभूतियों की कीमतें तय करता है। प्रतिभूतियों की कीमतें स्टॉक एक्सचेंज की मांग और आपूर्ति कारकों द्वारा तय की जाती हैं।

चार्ट को पीएनजी और पीडीएफ में डाउनलोड करें (Download the chart in PNG and PDF): –

यदि आप चार्ट डाउनलोड करना चाहते हैं तो कृपया निम्नलिखित छवि और पीडीएफ फाइल डाउनलोड करें: –

Chart of difference between Primary Market and Secondary Market - In Hindi
Chart of difference between Primary Market and Secondary Market – In Hindi
Chart of difference between Primary Market and Secondary Market - In Hindi
Chart of difference between Primary Market and Secondary Market – In Hindi

 

 

निष्कर्ष (Conclusion):

इस प्रकार, प्राथमिक बाजार को पहली बार प्रतिभूतियां जारी की जाती हैं। यह सीधे पूंजी निर्माण में योगदान देता है। दूसरी ओर, द्वितीयक बाजार वह बाजार है जहां पहले जारी प्रतिभूतियों की बिक्री और खरीद होती है। द्वितीयक बाजार में, प्रतिभूतियों को मौजूदा निवेशकों द्वारा अन्य निवेशकों को बेचा जाता है।

विषय पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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